हर युग में तेरा ही वास रहे,
यह बंदा तेरे चरणों का दास रहे ।
श्याम से अपना अटूट हैं बंधन, कोई तोड़ ना पाए,
नहीं घबराता दिल मेरा चाहे कैसा भी वक़्त आए ।
तेरे चरणों में मेरी सुबह और श्याम रहे,
यह बंदा तेरे चरणों का दास रहे ॥
दाताओं का दाता है यह, देता है बिन बोले,
तेरी भी झोली भर देगा जो श्याम नाम मुख से बोले ।
मेरे दिल की हर धड़कन में तेरा ही नाम रहे,
यह बंदा तेरे चरणों का दास रहे ॥
घट घट वासी सांवरी है यह खींचे अपनी और रे,
सबको दीवाना करदेता यह वृंदावन चित्त चोर रे ।
हर जनम में तेरी भक्ति की ही आस रहे, सोनू संदीप तेरे चरणों के दास रहे,
यह बंदा तेरे चरणों का दास रहे ॥