जप मेरी रसना सुबहो शाम, श्री राधे राधे,
मिश्री से ज्यादा मीठा नाम, श्री राधे राधे,
हर भय संकट दूर हटा के,
जीवन की हर तपन मिटा के,
तपते ह्रदय को दे आराम, श्री राधे राधे,
जप मेरी रसना......
जिन पर किरपा बरसाती है,
श्री चरणों से लिपटाती है,
बिगड़े सँवारे सारे काम, श्री राधे राधे,
जप मेरी रसना......
चरण कमल रज मस्तक धर लो,
सफल ये मानुष जीवन कर लो,
कर के श्री चरणों में प्रणाम, श्री राधे राधे,
जप मेरी रसना.....
कलयुग में बस एक ही युक्ति,
भव बन्धन से दे कर मुक्ति,
"दास" बसा ले निज धाम, श्री राधे राधे,
जप मेरी रसना......
रचना: अशोक शर्मा "दास"
स्वर : श्यामा दासी (साक्षी)