गुरुवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी,
यहां आई ने भक्ता की खाली मौज होए नी,
कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी,
गुरूवर तो आज म्हारा सेठ बन्या है,
कड़छा का मंदिर टेकचंद जी बैठ्या है,
आज माँग लो सब थे तो मन चाहो जोई भी,
कड़छा धाम पे...
भगत रंग्या भगवान रंग्या है,
भक्ता का मन में गुरुदेव बस्या है,
नवयुवक संग में आज सबकी मौज होए नी,
कड़छा धाम पे..