नर में बसते नारायण, खुद भगवान

तर्ज - अफसाना लिख रही हूं

नर में बसते नारायण, खुद भगवान कहते हैं।
संसार के जीवों में प्रभु जी, वास करते हैं।

क्या लेकर हम आए, क्या लेकर जाएंगे।
जैसा करम करेंगे हम, फल वैसा पाएंगे।
परमपिता परमेश्वर ही, पालन करते हैं।

सब जीव प्राणी में है, वास नारायण का।
वेदपुराण पढ़ले देख, लिखा रामायण का।
नाम हरि का जपले, जो संग में रहते हैं ।

संसार में जो आता, वो जाता जरूर है।
कुछ नहीं है तेरा, जिसपे करता गरूर है।
इक इक स्वांस का, जो हिसाब रखते हैं।

यहां कौन है जिसको, तू कहता अपना है।
खुली आँख से दिन में, क्यों देखे सपना है।
समय की धारा में, गोपाल सब ही बहते है।

हेमन्त गोयल गोपाल
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