पवित्र मन रखो पवित्र तन रखो

पवित्र मन रखो पवित्र तन रखो,
पवित्रता मनुष्यता की शान है,
जो मन कर्म वचन से पवित्र  है,
वो चरित्र बाण नहीं यहाँ महान है,

बड़ा ही मुलये वाण है तुम्हरा ये जनम,
जगत की कर्म भूमि में करो भले कर्म.
अच्छे रखो विजार उत्तम करो वेहवार
आदर्श व्यक्ति की ये पहचान है,
जो मन कर्म वचन से पवित्र  है,
वो चरित्र बाण नहीं यहाँ महान है,

तुम अपनी आंख में अमृत रखो विमल विमल सदा विमल विमल,
तुम्हरो वाणी में माधुर हो सदा सरल सरल,
तुम को के नीर विकार सबका करो सत्कार,
ये जन्म तुम्हारा इम्तेहान है,
जो मन कर्म वचन से पवित्र  है,
वो चरित्र बाण नहीं यहाँ महान है,

श्रेणी
download bhajan lyrics (946 downloads)