गुरुवार हम भी शरणागत हैं, स्वीकार करो तो जाने ।
अब हमे पतित से पावन सरकार करो तो जाने ॥
प्रेमी जन तुमको ध्याते, तुम भक्ति भाव वश आते ।
हम कुटिल हृदय से कलुषित, उपकार करो तो जाने ॥
गुरुवार हम भी...
ज्ञानी तुम में तन्मय हैं, ध्यानी भी तुममे लय है ।
हम अज्ञानी चंचल चित्त, निस्तार करो तो जाने ॥
गुरुवार हम भी...
क्या मुख्य से विनय सुनाए, हम कैसे तुम्हे मनाए ।
अगणित अपराध किये हैं, उध्धार करो तो जाने ॥
गुरुवार हम भी...
जीवन नैया ज़र ज़र है, पल पल विनाश का भय है ।
ऐसे ही अधम पतित को भाव पार करो तो जाने ॥
गुरुवार हम भी...