चालो चालो खाटू धाम यहाँ विराजे बाबा श्याम.
बनता बिगड़ा हुआ सब काम चालो खाटू जी,
ऊंचे निचे रेत के टीले दूर से दीखते निशान रंगीले,
केसरियां और पीले पीले चालो खाटू जी,
जा कर इक निशान उठा लो बाबा श्याम की किरपा पा लो,
अपने सोये भाग जगा लो चालो खाटू जी,
मंदिर श्याम का लागे प्यारा जैसे अंधकार में तारा,
बेहति याहा प्रेम की धारा चालो खाटू जी,
रतन शृंगासन श्याम विराजे अंजनी काला संग साजे,
ढोलक संख नगाड़ा भाजे चालो खाटू जी,
प्रगति यहाँ से मूरत प्यारी,
है उस कुंड की महिमा न्यारी उमड़े यहाँ में दुनिया सारी चालो खाटू जी,
देखो कुंड बना मन भावन जल है गंगा जल सा पावन बरसे श्याम किरपा का सावन,
चालो खाटू जी,
बाबा चमत्कार दिखलाये मरधर में भी फूल खिलाये,
जगह वो श्याम बगीजी काहे चालो खाटू जी,
लखदातार की सेवा पाई अल्लू सिंह जी ने जिसे सजाई,
उनके भाग बड़े थे बाई चालो खाटू जी,
कलयुग का ये देव काहे बाबा साँचा नआए चुकाए,
इक पल की न देर लगाए चलो खाटू जी,
सेवक रंग गुलाल उड़ाए सूरज चंदा आरती गाये,
बाबा दोनों हाथ लुटाये चालो खाटू जी,