श्री श्याम तेरा दरबार जिसको रास आ गया है,
वो एक दो तीन नहीं पाँचवी पास हो गया है,
पहली कक्षा पास है जो दर तेरे पे आये,
दर तेरे पे आके जो चरणों में शीश झुकाये,
फिर श्याम ने उस सेवक का भार उठा लिया है,
वो एक दो तीन नहीं पाँचवी पास हो गया है......
दूसरी कक्षा पास है वो जो घर में मंदिर बनाये,
सुभ्ये सवेरे नित उठ के श्री श्याम के दर्शन पाए बाबा
माफ़ करे सब गलती जो इसके पास आ गया है,
वो एक दो तीन नहीं पाँचवी पास हो गया है,
तीसरी कक्षा पास जो सिंगार तेरा करवाए,
चौथी कक्षा पास है वो सवामणी भोग लगये,
स्वीकार सब कुछ श्याम को जो चन्रो में आ गया है,
वो एक दो तीन नहीं पाँचवी पास हो गया है,
पंचमी कक्षा पास है वो जो भजन तेरा करवाए,
साडी सांगत एक करे जो दरस तेरा करवाए,
मेहता तो दासो का दास जो भक्तो को रास आ गया है,
वो एक दो तीन नहीं पाँचवी पास हो गया है,