तर्ज़:- पर्वत के पिछे चम्बें दा गांव, गांव में दो प्रेमी रहते हैं
वृन्दावन धाम है सबसे निराला, वहां श्यामा श्याम मिलते हैं,
संत ओर वैशनव जहां पे रहकर, राधा राधा नाम रटते हैं....
उनकी लीला देखने को, मेरा जी चाहे,
अद्धबुत लीला की दोनों ने, मेरा मन ललचाते,
उनको ही मिलते हैं वहां पर, जो उनसे प्रेम करते हैं,
संत ओर वैशनव वहां पे रहकर राधा राधा नाम रटते हैं,
राधा राधा नाम रटते हैं, राधा राधा नाम रटते हैं,
वृन्दावन धाम......
गुरूवर के चरणों में रहकर, ये प्रेम पाया है,
जो देखा नज़रो ने मेरी, गुरुवर ने दिखाया है,
धसका है पागल युगल चरणं का, सदा ही ध्यान धरते हैं,
संत ओर वैशनव वहां पे रहकर राधा राधा नाम रटते हैं,
राधा राधा नाम रटते हैं, राधा राधा नाम रटते हैं,
वृन्दावन धाम......