भगतो की लाज बचाने वाले हम को नही बिसराना,
संकट की घडियो में गिरधर आकर हमे तुम बचाना,
भगतो की लाज बचाने वाले हम को नही बिसराना,
हे मुरली धर दया के सागर किरपा वंत हो प्रभु करुनाकर,
भेद भावाना मन में तुम्हारे सब दर्शी हो श्याम मनोहर,
जैसे विधुर्घर साग थे खाए वैसे मेरे घर भोग लगाना,
भगतो की लाज बचाने वाले हम को नही बिसराना,
कहते है जब जब धरती पर अत्याचार बड जाता है,
किसी भी रूप में धरती पर आगमन तुम्हारा होता है,
हे योगेश्वर कृष्ण प्रभु जी हम को भी तुम दर्श दिखाना,
भगतो की लाज बचाने वाले हम को नही बिसराना,
तुम हो कुल के यशोदा नंदन ब्रिज वासी हो राधे के मोहन,
दुष्टों को मारे भगतो को तारे द्वारिका दीश करो अभिनंदन
पालनहार है नाम तुम्हारो मेरी वार मत देर लगाना,
भगतो की लाज बचाने वाले हम को नही बिसराना,