मेरा मन साई साई बोले,
देख के मुखड़ा साई का सूंदर सब का मनवा ढोले,
मेरा मन साई साई बोले
राधा मीरा यही कहत है कहत है कृष्ण मुरारी,
सत्ये मार्ग पे चलना अगर है बाबा के संग हो ले,
मेरा मन साई साई बोले
राम श्याम की मूरत है ये दुर्गा चंडी काली है,
साई नाथ के चरण के जल से अपने पाप को धो ले,
मेरा मन साई साई बोले
राम रहीम सा गुरु नानक सब ने यही बताया है,
जिस ने खुद की खुदी मिटाई उसने रब को पाया है,
सब की मंजिल एक है बंदे,
राज सभी का खोले,
मेरा मन साई साई बोले
बाल न बांका होगा उसका जो भी सच में जीता है,
अबे जम जम गंगा जल को जो भी इंसान को पीता है ,
लहू दूध को गुरु नानक भी इक तकड़ी में तोले,
मेरा मन साई साई बोले