तेरे शिर्डी के दर्शन पाके ओ बाबा मैं निहाल हो गया,
तेरी किरपा जो मिली मुझे बाबा मैं तो माला माल हो गया
तेरे शिर्डी के दर्शन पाके
बहुत दिनों से व्याकुल था मन मैं भी शिर्डी जाऊ,
शिर्डी पति को शीश जुका के पावन दर्शन पाऊ
तूने दर्शन जो अपने कराये ओ साईं जी कमाल हो गया
तेरे शिर्डी के दर्शन पाके
लाया गुलाबो की माला मैं लाया तुम को चादर,
दया आप की हो गई मुझपे हो करुना के सागर,
तूने शरदा जो मेरी अपनाई मैं तो माला माल हो गया
तेरे शिर्डी के दर्शन पाके
पुण्ये कर्म होंगे जन्मो के जुड़ गया तुम से नाता,
करना जुदा न अब चरणों से हमको अपने दाता,
मुझको चरणों से अपने लगाया मैं तो खुशहाल हो गया
तेरे शिर्डी के दर्शन पाके