तेरे दर पे मैं आई हूँ श्याम मेरा साथ निभाना पड़ेगा
ठोकरें जग की खाई बहुत मुझे पार लगाना पड़ेगा
हारे का तू सहारा बना डूबते का किनारा बना
बांके मांझी मेरी नाव को भाव से पार लगाना पड़ेगा
कोई साथी ना मेरा यहाँ मुझपे हँसता है सारा जहाँ
आँख से आंसू बहते मेरे उन्हें मोती बनाना पड़ेगा
मेरा जीवन तेरे नाम है थामे रखना तेरा काम है
अंधियारे जीवन में मेरे तुम्हे दीपक जलना पड़ेगा
तेरे दर पे मैं आई हूँ श्याम...............