मेरा दिल ये दीवाना खो गया अब खाटू की गलियों में,
अब मेरा ठिकाना हो गया खाटू की गलियों में,
देखा बाबा का दरबार दिल मैं गया श्याम पे हार ओये मैं इसे जयदा क्या कहु,
जीने का बहाना हो गया अब खाटू की गलियों में,
मेरा दिल ये दीवाना खो गया अब खाटू की गलियों में,
जब सांवरिया मन भाया मैं दौड़ के खाटू आया,
मैंने पहली अर्ज लगाई मेरी झट हो गई सुनवाई,
मेरा आना जाना हो गया अब खाटू की गलियों में,
मेरा आना जाना हो गया खाटू की गलियों में,
मैंने खाटू की रज पाई झट माथे से है लाइ,
मैंने श्याम से प्रीत लगाई किस्मत मेरी रंग लाइ,
मेरा प्यार पुराण हो गया खाटू की गलियों में,
मेरा दिल ये दीवाना खो गया अब खाटू की गलियों में,
मैं सुख में दौड़ा आउ मैं दुःख में अर्जी लगाउ ,
जब जब भी इसे भुलाऊ मैं सन्मुख श्याम को पाउ,
अब सुनना सूनाना हो गया खाटू की गलियों में,
मेरा दिल ये दीवाना खो गया अब खाटू की गलियों में,
मैं श्याम शरण में अकार बन गया शयम का चाकर,
रोमी संग सेवा पाई बाबा को भजन सुना कर,
मेरे पीछे जमाना हो गया खाटू की गलियों में,
मेरा दिल ये दीवाना खो गया अब खाटू की गलियों में,