जय श्री श्याम, जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम, जय श्री श्याम…….
अब ना चिंता ना फिकर,
ना किसी बात का डर,
रहती हूं मैं बेफिक्र,
मेरे संग श्याम रहते……
हर घड़ी इनकी नजर,
रहती है मेरे ऊपर,
क्यों करूं मैं फिगर,
मेरे संग श्याम रहते……
अंधेरों को अब मिली रोशनी,
अमावस की काली अब रातें गई,
मिला रास्ता मिली मंजिलें,
शुरुआत खुशियों की अब हो गई,
अब ना होगा कोई गम,
खुशियां भी ना होंगी कम,
बन गए मेरे हमदम,
मेरे संग श्याम रहते……
जय श्री श्याम, जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम, जय श्री श्याम……
कोई साथ हो चाहे ना हो,
मेरे साथ अब तो मेरा श्याम है,
इन्हीं के करम से हो रहा,
शर्मा का अब तो हर एक काम है,
धरती हो या आसमां,
जाऊं मैं चाहे जहां,
हर घड़ी अब तो वहां,
मेरे संग श्याम रहते……
अब ना चिंता ना फिकर,
ना किसी बात का डर,
रहती हूं मैं बेफिक्र,
मेरे संग श्याम रहते……