गली गली में ढूंढ रही हु ढूंढ रही हु कुञ्ज गलियन में,
मैया अब तो आके बस जा मेरे इस सुने जीवन में
नहीं चाहिए महल अटारी नहीं चाहिए दुनिया सारी,
तेरे नाम की माला फेरु बीत जाए जे उम्र हमारी,
मैया अब तो दर्शन देदे रहे गी कब तक दूर भुवन में,
मैया मैया मेरी मियां मेरी बगला मुखी मैया ,
अजब गजब के खेल यह पर स्वार्थ भरे सब मेल यह पर,
पेड़ यहाँ वेचारे है सब इटराते है वेळ यहाँ पर,
धड़क रहा है तन मन मेरा आग लगी है माँ जीवन में,
मैया मैया मेरी मियां मेरी बगला मुखी मैया ,
न्याय पूण न सचाई है ध्वजा झूठ की फेहराई है,
घोर अँधेरी लम्भी राते कब से भोर नहीं आई है,
जीवन ऐसे बीत रहा है जैसे स्वाश नहीं है तन में,
मैया मैया मेरी मियां मेरी बगला मुखी मैया ,
विष से बुजी कटारी लेकर लोक चले दो धारी लेकर,
बाते अमृत सी करते है नस नस में माकारी लेकर,
लोक दिखावे में जीते है एहंकार के पागल पण में,
मैया मैया मेरी मियां मेरी बगला मुखी मैया ,
वक़्त कही ये ढल न जाये लगन का सूरज ढल न जाए,
माँ तेरे दर्शन से पहले मेरी सांस निकल न जाए,
सांसो की डोरी सुलझा दे उलझ रही है जो उल्जन में,
मैया मैया मेरी मियां मेरी बगला मुखी मैया ,