कुण्डी माँ की खड़का ले दिल से आवाज लगा ले
माँ कभी तो दर खोले गी धुनी चोकठ पे रमा ले
होना इसी रस्ते से आना जाना दाती का
जिद करले दर्शन किये बिना नही जाना दाती का
हो जा दीवाना दाती का
पहली तेरी भावना को दाती आजमाए गी
सची है पुकार तो माँ आएगी ही आएगी ,
बेटा कहे गी तुझे गले से लगाये गी
जो माँ से प्रीत लगा ले खाली ना माँ उसे टाले,
आती जाती सांसो पे मैया का नाम लिख वा ले
जीत के तूने दिल है आज है दिखाना दाती का
जिद करले दर्शन किये बिना नही जाना दाती का
हो जा दीवाना दाती का
ध्यानु जैसी भगती का देगी तुझे नूर माँ
नाम तेरा जग में करेगी मशहुर माँ
करेगी विकास दुआ तेरी मंजूर माँ,
घुंगरू श्रधा के बंधा ले मन की खड़ताल बना ले
नाचे जा मंगन होके तू मत देख पाँव के छाले,
खो जा तू भगती में प्यार जो पाना दाती का
जिद करले दर्शन किये बिना नही जाना दाती का
हो जा दीवाना दाती का