छठ माई के जो वर्त संग सूरज को मन से ध्याये,
मिल जाए सारी खुशियाँ संतान सुख वो पाए,
छठ माई की किरपा से संताप मिट ते सारे,
संतान मिले उनको जो है मैया के सहारे,
पूजा करे जो विध से अन फूल फल चडाये,
मिल जाए सारी खुशियाँ संतान सुख वो पाए,
उपास छठता जो भी करता है भाव के संग
दुःख उस को न सताए सुख छोड़ ते नही संग
सुबह शाम सूर्ये पूजा श्रधा से जल चड़ाये
मिल जाए सारी खुशियाँ संतान सुख वो पाए,
बच्चो की करते रक्शा लम्भी उमर है देती,
कर जाए नाम अमर वो माँ ऐसा वर है देती,
महिमा छठ माई की जो भाव् से है गाये
मिल जाए सारी खुशियाँ संतान सुख वो पाए,