मेला आयो रे चलो केला माँ के द्वारे,
चलो चले लांगुरियां ये बोले जोगणियां,
माँ बैठी पाँव पसारे,
मेला आयो रे चलो केला माँ के द्वारे,
केला मैया को मैं तो रज के मनाऊ गई,
लांगुरियां सुन ले तोहे संग लेके जाऊ गई,
योगी की मैं हु जोगिनियाँ ठुमका लगाऊ गई,
कस ले कमर तू लंगूर संग मैं नचाओ गई,
आगरा की टोली ये जैकारे बोली,
चल दोनों हाथ उठा के,
मेला आयो रे चलो केला माँ के द्वारे,
मैंने मानोति मांगी माँ के दरबार में,
रहे सदा खुशाली मेरे परिवार में,
जेठ जेठानी देवरा मौज करे देवरानी,
बोले नितिन की मम्मी किरपा करो महरने,
मैं ज्योत जगाउंगी नौबत भजाउ गी,
तूने सारे काज सवारे,
मेला आयो रे चलो केला माँ के द्वारे,
निर्धन को धन माँ देती बांजो को पुत्र दे,
सब की माँ झोलियाँ भर्ती कमी न रेहन दे,
दोनों बहने है प्यारी मैया करोली वाली,
चल दर्शन करले लांगुर माँ की महिमा है निराली,
कमी न छोड़े गी ना खाली मोड़े गी
तू दिल से अर्जी लगा ले,
मेला आयो रे चलो केला माँ के द्वारे,
ऊंचे भवन में बैठी मेरी केला महारानी,
केला मैया की देखो सारी दुनिया दीवानी,
दिल्ली और मुंबई वाले ये छप्पन भोग लगाते,
फुले से भवन सजाके माँ का जगराता कराते,
गिरी मुंबई वाले भजन माँ के गा ले तुझे माँ ही पार उतारे,
मेला आयो रे चलो केला माँ के द्वारे,