मेरे दिल पे कर गया जादू सो,
इक छेल छबीला मैं फिरू हुई बेहाल सखी,
जल भरन गई यमुना तट पे आक खड़ा हुया बंसी वट पे,
मेरी नजर पड़ी वाह नटखट पे,मेरे नैना हुए निहाल सखी,
मैं फिरू हुई बेहाल सखी
मेरे दिल पे कर गया जादू सो,
सिर मोर मुकट सोहे वा को शिंगार अजब या छालियाँ को,
या सुन के राग मुरलियां को मैं हो गई माला माल सखी,
मैं फिरू हुई बेहाल सखी
मेरे दिल पे कर गया जादू सो,
बड़ी मोटी अखियाँ कजरारी तिर्शी चितवन पे वलिहारी,
अधिरण मुसकन प्यारी प्यारी गल में पहनी वल माल सखी,
मैं फिरू हुई बेहाल सखी
मेरे दिल पे कर गया जादू सो,
तन मन की सुध विस्राई री खाली मटकी है ले आई री,
मैं राम किशन पशताई री घर आयेगे रे आयोधाल सखी ,
मैं फिरू हुई बेहाल सखी
मेरे दिल पे कर गया जादू सो,