श्याम सुन्दर से बोली बाँसुरिया तुम बजाने के काबिल नहीं हो……..
मैं तो सीधे बांस की बाँसुरिया तुम तो टेढ़े हो मेरे सांवरिया,
तुम तो नटखट हो मेरे कन्हैया मुंह लगाने के काबिल नहीं हो,
श्याम सुन्दर से बोली बाँसुरिया तुम बजाने के काबिल नहीं हो……..
तुम तो वन वन में गैया चराते और घर घर में माखन चुराते,
तुम्हे चोरी की आदत बुरी है घर बुलाने के काबिल नहीं हो,
श्याम सुन्दर से बोली बाँसुरिया तुम बजाने के काबिल नहीं हो……..
मेरी गोरी है राधा सहेली तुम तो काले मेरे सांवरिया,
तेरे दो दो बाप दो दो मैया मेरी राधा के काबिल नहीं हो,
श्याम सुन्दर से बोली बाँसुरिया तुम बजाने के काबिल नहीं हो……..