खाटू को के मजो है मेले को के मजो है,
लाइन से जाके देखो दर्शन के को मजो है,
खाटू को के मजो है मेले को के मजो है
जितना भी ढाका लागे उतना ही दुखड़ा भागे,
कंकर चुबे या कांटे चले श्याम सागे सागे,
यमघट में जाके देखो कजन को के मजो है,
खाटू को के मजो है मेले को के मजो है
भगतो के संग जो गावे महारे श्याम ने रिजावे,
म्हारो सेठ हॉवे राजी मन चाहा फिर वो पावे,
चंग के धमाल के संग नाचन को के मजो है,
खाटू को के मजो है मेले को के मजो है
चढ़ जा तू तेरे पड़ाया बाबा ने याद कर के,
मुखडो दिखे गो प्यारो तू देख ले जी भर के,
नैना मिला के देखो मिलवा के को मजो है,
खाटू को के मजो है मेले को के मजो है
लाइन से जो भी जागे पहला वही तो पावे,
कब श्याम बोले अंजलि जी भर के मौज उड़ा वे,
बाबा को यो खजानो लूटन को मजो है,
खाटू को के मजो है मेले को के मजो है