जब जब भी तू हारेगा बाबा तुझे संभालेगा 
लेकर प्यार की छाओं में अमृत रूस बरसायेगा 
बोलो जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम 
कलयुग का ये देव बड़ा खाटू वाला श्याम 
अपने वचन का मान रखे मेरा ये घनश्याम 
अमृत कुंड की धारा में जिसने किया स्नान 
उसके कष्ट तू धूल गए जाकर खाटू धाम 
तेरे दुःख ये हर लेगा सारी खुशियां भर देगा 
जीवन धन्य ये कर देगा दिल से इसे पुकार 
बोलो जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम 
हर दर पे जब हार के तू थक जाएगा यार 
आकर हाथ पकड़ लेगा मेरा बाबा श्याम 
इसकी दया से चल रही भक्तों की ये नाव
बस तू रट ले बन्दे मुख से जय श्री श्याम 
साथी बनकर आएगा श्याम तेरा हो जायेगा 
प्रेम से एक बार बोल के देख भाव से पार लगाएगा 
बोलो जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम 
सांवरिया बस इतनी से तुमसे मेरी आस 
संजीव यूँ करता रहे तेरा ही गुणगान 
ग्यारस की हर रात में होती रहे मुलाकात 
श्री चरणों में ध्यान रहे मुख पे हो तेरा नाम 
तेरे भजन मैं गए सकूँ इस काबिल तूने बनाया है 
निकले जब भी प्राण मेरे  लब पे हो तेरा नाम 
बोलूं जय श्री  श्याम बोलूं जय श्री  श्याम