शिव की रात आई शिव रात आई शिव की रात शिव रात्रि,
धरती झूमे अम्बर झूमे झूमे दिन और रात री,
शिव की रात आई शिव रात आई शिव की रात शिव रात्रि,
मस्त जटों में गंगा नाचे डम डम डमरू बाजे रे,
सारी सृष्टि में है चर्चा शिव का डंका बाजे रे,
देव घणो संग नंदी नाचे आई ये शुभ रात्रि,
शिव की रात आई शिव रात आई शिव की रात शिव रात्रि,
पान चढ़ा के ऐसे झूमे देखो शिव के दीवाने,
कावड़ियों के डोले शिव के रंग में रंगे मस्ताने,
शिव की महक में ऐसे मेहके मेहके दिन रात्रि,
शिव की रात आई शिव रात आई शिव की रात शिव रात्रि,
जीव जंतु और योगी बोहगी शिव का नाम उचारे रे,
शिव का तांडव देख रहे है धरती चाँद सितारे रे,
भरमा विष्णु आ गये बन के बन कैलाश के यात्री,
शिव की रात आई शिव रात आई शिव की रात शिव रात्रि,