राम की महिमा अपार राम की गरिमा अपार,
पिता वचन की राखी लाज त्याग दियो राज साज,
सिया लखन संग चले कष्ट सहे हर प्रकार,
राम की महिमा अपार राम की गरिमा अपार,
जन गण को हर्षित कियो असुरो का कर संगार,
राम की जय कार गूंजे अवतिरत हो बार बार,
राम की महिमा अपार राम की गरिमा अपार,
राम की मर्यादा नमन राम संस्कार नमन,
मानवता सभ्यता का मंत्र राम चरित सार,
राम की महिमा अपार राम की गरिमा अपार,