मेरे संग मेरी दादी खड़ी,ध्यान रखती मेरा हर घडी,
सारी दौलत के आगे माँ की ममता है सब से बड़ी,
ध्यान रखती मेरा हर घडी,
मैया तेरे बिना लागे न रे मनवा,
मुझको क्या है फ़िक्र माँ मेरी तूने देदी जो अपनी शरण,
चाहे कितनी कठिन राह हो लड़खड़ाते न मेरे कदम,
थाम लेती है बाहे तेरी ध्यान रखती मेरा हर घडी,
अब तो मैया के दर्शन बिना आँख भी लगदी बेकार है
प्रीत लगती झूठी सभी सच्चा लगता माँ का प्यार है,
मुझे दुनिया की अब क्या पड़ी,
ध्यान रखती मेरा हर घडी,
मैया तेरे बिना लागे न रे मनवा,
खुशनसीबी है सोनू मेरी पाया दादी का दरबार है ,
माँ की चुनड़ी की छाया तले पल रहा मेरा परिवार है,
घर में बरसे ख़ुशी की झड़ी ,
ध्यान रखती मेरा हर घडी,