भगत पुकारे आज मावड़ी

भगत पुकारे आज मावड़ी आके लाज बचा जा रे,
दुःख पावे है टाबर थारा आके कष्ट मिटा जा रे,

सिर पे हमारे गम के बादल जब जब भी मडराते है,
और न कुछ भी भावे दादी थारी याद सतावे है,
सुनले माहरी अर्जी दादी मन की बात बतावा एक,
भगत पुकारे आज मावड़ी आके लाज बचा जा रे,

कर सोलह शृंगार भवानी म्हारे घरा जब आवो गा,
तन मन धन सब वार दिया जो जीवन अब वारा गा,
ढग मग ढोले नैया हमारी भव से पार लगा जा रे,
भगत पुकारे आज मावड़ी आके लाज बचा जा रे,

झुंझुन की धरती है पावन माटी तिलक लगवा जी,
दीं दुखी दरवाजे आवे हर संकट कट जावे जी,
आकाश परिचय युक युक दादी थारा दर्शन पावा है
भगत पुकारे आज मावड़ी आके लाज बचा जा रे,

download bhajan lyrics (985 downloads)