आया नवराते का त्यौहार सब मिल माँ को रिजाये,
मैया नो दिन रहेगी अपने साथ सब मिल माँ को रिजाये,
चुनरी ओहडाये माँ की ज्योत जलाये,
करके उनका शृंगार,
सब मिल माँ को रिजाये,
आया नवराते का त्यौहार सब मिल माँ को रिजाये,
श्रिष्टि के कण कण में उनका ही वास है,
वो जग ही दाती है हम उनके दास है,
देती सहारा जब भी पुकारा,
वो जग की पालनहार,सब मिल माँ को रिजाये,
आया नवराते का त्यौहार सब मिल माँ को रिजाये,
अख़बर भी आया दर पे शीश झुकाया,
मैया को सोहने का छतर चढ़ाया,
दिल की वो जाने सब की वो माने उनकी लीला है अपरम्पार
सब मिल माँ को रिजाये,
आया नवराते का त्यौहार सब मिल माँ को रिजाये,
अष्ट भुजाओ से माँ दुष्टो को मारती,
शुंभ निशुभ्म महिषा सुर का असुरा का संगार की,
ऋषि मुनि देवी देवता भी पूजते माँ की लीला है अपरम्पार,
सब मिल माँ को रिजाये,
आया नवराते का त्यौहार सब मिल माँ को रिजाये,