मेरी बिगड़ी बनाई बात माँ शेरावाली ने
मेरा खूब निभाया साथ माँ शेरावाली ने
काली ने महाकाली ने
भटक रही थी मैं तो कब से
आया एक संदेशा नभ से
लगन लगी चरणों में जबसे
हुई भगतनी माँ की तब से
मुझे दिखलाई करामात माँ पहाड़ावाली ने
जब जब मैं कष्टों ने घेरी
चामुंडा की माला फेरी
काल भैरवी चंडी तेरी
राखी पाठ दुर्गा ने मेरी
मेरा पकड़ उभरा हाथ माँ शेरावाली ने
मन मंदिर में ज्योत जागकर
प्रेम का सागर चलो बहाकर
सत्य अहिंसा को अपनाकर
कवी विजन देखो अजमाकर
रेहमत करदी माँ ज्योतावाली ने