थारी लाल चुनरियाँ प्यारी अब मुख मंडल की न्यारी,
मुकट जिया थारे चमके थारो रूप सुहानो दादी भगत वार वार बिरखे,
जाने कौन थाने दादी आज सजायो है,
राज दी सुरंगी मेहँदी हाथो में रचायो है,
थारी काजल आख्या वाली थारी होठा ऋ माँ लाली,
माथे बिंदियां चमके,
थारो रूप सुहानो दादी भगत वार वार बिरखे,
लाल जारी की साडी माँ सोवे,
कब जो चूंडो मंडो मोहवे,
थारी चुनरी माँ गोटे वाली ,
नथली थारी नाका वाली चूड़ी माँ खन खनके,
थारो रूप सुहानो दादी भगत वार वार बिरखे,
फुलड़ा का थाने दादी गजरो पिरायो है,
दादी थारी छवि भगता के मन भाये है,
इतर जग में मेह्कावे पंकज झूम झूम के गाये,
छम छमपायल छम्के,
थारो रूप सुहानो दादी भगत वार वार बिरखे,