मैया रानी जो आने का वादा करो,
मै यूँहीं रोज कुटिया सजाता रहूं,
अपनी पलकों से चुन चुन के कांटे सभी,
तेरी राहो में कलियाँ बिछाता रहूं,
मैया रानी जो......
कितना सुन्दर लगे मेरी माँ का भवन,
स्वर्ग में भी तो ऐसा नजारा नहीं,
माँ की खातिर में सारा जगत छोड़ दूँ,
इसके चरणों से उठना गवारा नहीं,
माँ अगर मेरी नजरो के आगे रहे,
मन के मंदिर में इसको बसाता रहूं,
अपनी पलकों से चुन चुन के कांटे सभी,
तेरी राहो में कलियाँ बिछाता रहूं,
अपने भक्तो पे ममता लुटाती है जो,
माँ तुम्ही तो वो ममता की तस्वीर हो,
माँ बनाती हो बिगड़ा मुक्कदर तुम्ही,
और तुम्ही अपने भक्तो की तक़दीर हो,
तुम यूँही मुझपे ममता लुटाती रहो,
अपना तन मन में तुम पर लुटाता रहूं,
अपनी पलकों से चुन चुन के कांटे सभी,
तेरी राहो में कलियाँ बिछाता रहूं,
आदिशक्ति है तू मेरी भक्ति है तू,
मैं हूँ पापी अगर करुणाकारी है तू,
शिव की अर्धांगनी है महामाई तू,
रानी महारानी आदिकुमारी है तू,
मन ये चाहे मेरा तेरे दरबार में,
बस भजन तेरे दिन रेन गाता रहूं,
अपनी पलकों से चुन चुन के कांटे सभी,
तेरी राहो में कलियाँ बिछाता रहूं