शबरी बुहारे रास्ता आएंगे राम जी,
जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी,
ढलियो में बेर रोज वो चुन चुन कर ला रही,
खटे हो चाहे मीठे खाये गे राम जी,
जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी,
हाथो से रोज आपने वो कांटे बुहार ती,
काँटा लगे न राम को कोमल है पाँव जी,
जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी,
आये है जब राम जी दीवानी हो गई,
बैठाया है प्रभु को भूली है काम जी
जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी,
झूठे हो चाहे खटे बेर खाते है राम जी,
लक्ष्मण ने पीछे फेंके देखे न राम जी,
जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी,
ड्रोन गिरी पर्वत पे वेर संजीवनी बनी,
लक्ष्मण को लगी शक्ति जाए है हनुमान जी,
जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी,