कान्हा तुम्हने बंसी जो बजाई रे,
यमुना पे दौड़ी राधा आई रे,
राधा तुम्हने पायल खनकाई रे,
कान्हा ने सुध विसराई रे,
सुनी तेरी मुरली धुन बदल गई वो मेरा मन,
तुम्हने प्यारे मन मोहन बदल दियां मेरा जीवन,
काहे को राधा तूने प्रीत लगाई रे,
कान्हा ने सुध विसराई रे,
खन के तेरी प्यालियाँ जादू सा मुझपे किया,
छीन लियाँ तूने मेरा जिया तेरा हो गया सांवरियां,
मैं तो हु तेरी तेरी परछाई रे,
यमुना पे दौड़ी राधा आई रे,