इथे बैठ किसे ने नहीं रहना मेला बंदे चार दिना दा,
चार दिना दा ओ मेला चार दिना दा,
कोड़ी कोड़ी जोड़ बंदे महल बणांदा,
सास जदो निकले कोई रख वी न पानदा,
एहना सवासा न कोडियां ना रोल वे,
मेला बन्दिया चार दिना दा,
धीया पुतरा ले तू पाप कमान्दा,
अंत ता वेले कोई सोगी वि न जांदा,
मतलबी सारी रिश्ते दरिया,
मेला बन्दिया चार दिना दा,
जिस कम नु आया था ओहियो कम भुलियाँ,
खटन की तू आया था की खत चलियाँ,
तेनु ज़माने सूली उते टंगना,
मेला बन्दिया चार दिना दा,