जिसने भी माँगा उसे दियां ओ बाबा लखदातार,
तू पूरी करदे ना ओ बाबा बाते चार,
नानी बाई के आँगन की यु माया तू बरसा देना,
मेरे घर की चौकठ से बाबा दुखो को दूर करा देना,
कंगाली मेट मेरी बाबा और करदे साहूकार,
तू पूरी करदे ना ओ बाबा बाते चार,
जैसा अपनाया यार सुदामा मुझको भी अपना ले तू,
विश्कर्मा जी को भेज बुलालवा ऐसा महल बना दे तू,
हर चीज जररत वाली और भरा रहे भण्डार,
तू पूरी करदे ना ओ बाबा बाते चार,
मीरा की यु सांवरियां रमन रावे तेरा चरणों में,
इतना प्रेम भी देना तुम मैं गिरा रहु सब अपनों में,
सोनू लखा जब आँख खुले तेरा हो जाए दीदार,
तू पूरी करदे ना ओ बाबा बाते चार,