मुझे तुम बुलालो बाबा शरण में,
तुम्हारे सिवा अब तो कोई न हमारा,
बहुत ठोकरे है मिली ज़िंदगी में,
तुम्हारा सिवा साथी कोई न हमारा,
मुझे तुम बुलालो बाबा शरण में...
तेरे दर पे आके तुझे मैं निहारु,
अश्को से बाबा तेरे चरण में पखारू,
हमेशा रहु मैं तेरी दासी बन के,
होता रहे मुझे दर्शन तुम्हारा,
मुझे तुम बुलालो बाबा शरण में
नहीं कोई मंजिल नजर आती बाबा,
दुनिया की महफ़िल नहीं बाहति बाबा,
पकड़ लो कलहाइ कही गिर न जाऊ,
तुम्हारे बिन न नहीं कोई गुजरा,
मुझे तुम बुलालो बाबा शरण में
हारे के सहारे हो श्याम खाटू वाले,
उसे क्या फ़िक्र हो जिसे तू संभाले,
चोखानी को सेवा दी है तूने लिए आस नीलम ने तुम को पुकारा
मुझे तुम बुलालो बाबा शरण में