हम शरण तेरी आये है झुकाने को ये सिर,
कर दो उधार प्रभु मेरा डाल के इक नजर,
हम शरण तेरी आये है झुकाने को ये सिर,
इक नजर तेरी खिलाती है जिंगदी की कली,
तेरी नजरो से ही होती है रोशन हर गली,
मुझको ये आस है मुझपे भी होगी तेरी मेहर,
हम शरण तेरी आये है झुकाने को ये सिर,
हारने वालो को बस एक ठिकाना है तेरा,
जिसको बस एक सहारा है प्रभु देख तेरा,
उस पे पड़ जाती है बाबा तेरी दीदार नजर
हम शरण तेरी आये है झुकाने को ये सिर,
गलती जो भी करि है मैंने उसे मानता हु,
तेरे दरबार के बारे में थोड़ा जानता हु,
थाम लो हाथ प्रभु मेरा लेलो मेरी खबर,
हम शरण तेरी आये है झुकाने को ये सिर,