सपने में आया मेरे खाटू नगरीया
मंदिर में बैठा दिखा श्याम सांवरिया
बाबा ने देखा मुझे और म मुस्कराया
करके इशारा मुझे कहतु बुलाया
खाटू धाम मैं निशान लेके आऊं सांवरिया इंतज़ार करना
तेरी राह पे कहीं जो लड़खड़ाऊं बाबाजी मेरा ध्यान रखना
भोले से सांवरिया का मुखड़ा निहारूंगी
श्याम श्याम ृत्त के जनम मैं सुधरूंगी
अपने लीले घोड़े पे सवार होक आना
भटकूं जो मैं तो मुझे रास्ता दिखाना
थक जाऊं जो बाबा सर पे हाथ भी फिराना
मोरछड़ी का मुझको झाड़ा भी लगाना
अपनी छाँव में रखना मुझको धूम में जो कुम्लाऊँ
खाटू धाम मैं निशान लेके आऊं सांवरिया इंतज़ार करना ...................
पाँव जो मेरे डगमग डोले बाबा हाथ बढ़ाना
प्यासी हूँ बाबा मुझ पे अमृत रुस बरसाना
नैया मेरी गोते खाये इसको पार लगाना
पर मुझसे रूठ के तू छोड़ के ना जाना
तेरे दर्शन रुस पाने को व्याकुल ना हो जाऊं
खाटू धाम मैं निशान लेके आऊं सांवरिया इंतज़ार करना .............