मैं अपना मन हरि संग जोड़ूँ,
हरि संग जोड़ सबन संग तोडूं
मैं जहाँ जहाँ जाऊं तुम्हारी सेवा
तुमसा ठाकुर और ना देवा
सांची प्रीत जो तुम संग जोड़ी
तुम संग जोड़ सबन संग तोड़ी
मैं तीर्थ व्रत ना करूँ अन्देशा
तुम्हारे चरण कमल का भरोसा
मैं जहाँ जहाँ जाऊं तुम्हारी सेवा
तुम सा ठाकुर और ना देवा
मैं अपना मन हरि संग जोड़ूँ
हरि संग जोड़ सबन संग तोडूं
मन कर्म वचन तुम्हारी आशा
ऐसी भक्ति करे रैदासा
भजन गायक
(मनीष अनेजा जी)