ऐरी तेरा सहारनपुर का धाम सुणया मेरी मात शाकुम्भरी राणी
तेरा सहारनपुर मे धाम सुणया मेरी मात शाकुम्भरी राणी
मेरी मात शाकुम्भरी राणी
मेरी मात शाकुम्भरी राणी
ऐरी तेरा सहारनपुर का धाम सुणया मेरी मात शाकुम्भरी राणी
तेरा सहारनपुर मे धाम सुणया मेरी मात शाकुम्भरी राणी
जड़ चेतन मे व्यापक है तू कहाँ तक महिमा गाऊँ
और तू ही गीता ज्ञान अमर है मन कपटी समझाऊँ
ऐरी तेरा सहारनपुर का धाम सुणया मेरी मात शाकुम्भरी राणी
अंधे ने तू ज्योति देती गूंगे ने दे वाणी
और कोढ़ी ने काया दे देती सबते अलग कहाणी
ऐरी तेरा सहारनपुर का धाम सुणया मेरी मात शाकुम्भरी राणी
हो दर्शन मैय्या के करादे भरतार जेठाणी जावे मंदिर मे
हो दर्शन मैय्या के करादे भरतार जेठाणी जावे मंदिर मे
री शेर सवारी करणी आली दर्शन की अभिलाषा
कर्मो के तू लेख बदलती आप पलटदे पासा
हे री तेरा सहारनपुर का धाम सुणया मेरी मात शाकम्भरी राणी
किरसन जूएं वाले का क्यूँ नही बुलावा देती
ब्रजेश भक्त ऊझा मे बैठया भक्ति की छाया देती
हे री तेरा सहारनपुर का धाम सुणया मेरी मात शाकम्भरी राणी