आज किया है माँ ने उपकार बड़ा उपकार माँ मेरे घर आई है।
हम हो गए माला माल माँ मेरे घर आई है
बड़े दिनों से थी ये इच्छा माँ को घर में बुलाएँगे,
मेहरो वाली आद भवानी का हम जगन रचाएंगे,
दिन आया है आज महान माँ मेरे ........
सच्चे मन से याद करो जो माँ करती सुनवाई है,
ये बात सुनी सुनाई नहीं मैंने खुद आजमाई है,
आज माँ ने किया एहसान माँ मेरे......
पांच विकार को छोड़ के जो भी माँ से दिल से बात करे,
जगदीश मेरी शेरोवाली उसके सारे संकट हरे,
हम है बिलकुल अनजान तू रखती मान माँ मेरे....
जगदीश अनजान करनाल
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