लाज बचाओ हे गिरधारी हे गिरधारी,
जल रुपत गज लाज बचाइयो,
ध्याओ नाथ लगाओ न देरी,
अब की बारी नाथ हमारी,
हे गिरधारी हे गिरधारी,
किस के द्वार प्रभु मैं जाऊ,
किस को मन की बात सुनाऊ,
दया करो हे कृष्ण मुरारी
हे गिरधारी हे गिरधारी,
अर्ध नाम सुनी ध्याऊ आयो खिचत चीर दुसाशन हारयो,
वस्रत रूप धरी चीर बढ़ायो हे गिरधारी ,