तेरे बिन है सुनी गलियां सुना ब्रिज का धाम
मीरा के गिरधर नागर हे राधा के श्याम
तेरे बिन है सुनी गलियां सुना ब्रिज का धाम
आस लगाए सुने पनघट राह निहारे ग्वालो के झमघट,
हल्के से कही बांसुरी बाजे पर न कोई कदमो की आहात,
ऐसे ही कही बीत न जाए उम्र की सुबहो शाम
तेरे बिन है सुनी गलियां सुना ब्रिज का धाम
अध् पागल सी गोपियाँ डोले सुध बुध खोई कुछ न बोले,
अपनी खैर खबर न कोई राज पिया के किस से खोले,
आँखों में है सूरत तेरी मुख पे तेरा नाम,
मीरा के गिरधर नागर हे राधा के श्याम
तेरे बिन है सुनी गलियां सुना ब्रिज का धाम
तुम आओगे कष्ट हरो गे सब के सिर पर हाथ धरोगे,
डूब रही मन की नैया को भव सागर से पार करो गे,
श्रदा और विश्वाश का रिश्ता नाम तेरो इक शाम,
मीरा के गिरधर नागर हे राधा के श्याम
तेरे बिन है सुनी गलियां सुना ब्रिज का धाम