ओ हीरो जीव सू प्यारो रे,मत खोई मेरा मनवा हीरो,
रतन अमोलख मिल्यो बावरा,तू रतन जतन कर राखी रे,
माया ठगणी इण नगरी मे,थारो लाल ठगे लाखीणो रे,
काम क्रोध मद लोभ मोह,इण ठगणी रा साथी रे,
विषया रो थाने विष पावेला,ओर नाखे ऊंडे खाडा मे,
चोर ठगा री बस्ती मे तु,सावधान होय रहीजे रे,
सदानन्द समझावे थाने,थे नींद भ्रम री त्यागो रे,