छोड़ जगत की बातां ने

छोड़ जगत की बातां ने,
थूं राम जी को नाम संभाल ,खो दियो कचरा में,

राम नाम मे मातो ठनके ,झूटी बातां में ऊबो कड़के,
आयोड़ो अवसर जाय बातां बातां में ,

थारी मारी में उमर बीती,मिले नहीं लाभ बातां सब रीती,
भाया कर ले सुकरत काम मनख जमारा में,

राजा रावण जरासंध देखो ,वाके अभिमानी को ठेको,
मर गया कुत्ता की मौत, जो करड़ाई में,

कर सेवा यो अवसर आयो,मानव पद तूने मुश्किल पायो
थने सतगुरु देवे ग्यान , सत का शब्दा में,

गोकुल स्वामी सतगुरु दाता दे उपदेश जीव जगाता,
लादूदास करे पुकार मौज फकीरी में,

भजन गायक - चम्पा लाल प्रजापति मालासेरी डूँगरी
                    89479-15979
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