साथी रे भूल ना जाना मेरा प्यार
मेरी वफ़ा का ऐ मेरे हमदम
कर लेना ऐतबार
साथी रे भूल ना जाना मेरा प्यार
दूर कभी कर दे जो मजबूरी
वो दूरी तो होगी नज़र की दूरी
तेरी दुवाएं गर साथ रही,
आयेगी फिर से बाहर
साथी रे भूल ना.....
काश कभी ये रैना ना बीते
प्रीत का ये पैमाना कभी ना रिते
डर है कही आनेवाली सहर,
ले ले ना दिल का करार
साथी रे भूल ना जाना.......
सिंगर - भरत कुमार दबथरा