क्यू करते चिंता इतनी, चिंता ख़तम ना होगी कभी,
मन का पंछी उड़ेगा जिस दिन, चिंता होगी ख़तम तभी,
क्यू करते चिंता इतनी.....
दुनिया में मशहूर कहते,चिंता चिता समान है,
जिसने किया है चिंता उसके,जीवन में नुकसान है,
जिसने किया है मन वश में,चिंता नहीं सताती कभी,
सबको पता है बात ये फिर भी क्यों इससे अनजान सभी,
क्यू करते चिंता इतनी.....
लालच मन के चिंता को,दूर तलक ले जाती है,
है संतोष अगर मन में,चिंता तो निकट ना आती है,
थोड़े में खुश रहना सिखो,बदलो तुम स्वभाव अभी,
मन को बढ़ावा दोगे सुखी ये रहने देगा नहीं कभी,
क्यू करते चिंता इतनी.....
लिखा है जितना भाग्य में एक दिन वो तुमको मिल जाएगा,
चिंता छोड़ करो चिंतन,रस्ता खुद ही बन जाएगा,
ये चिंता तुझे चिता पे डाल कर साथ छोड़ती है तभी,
रहोगे तुम खुश हाल सदा,मुश्किल ना आएगी कभी,
क्यू करते चिंता इतनी.....