मत बुरे कर्म कर बन्दे, वरना पछताएगा।
भगवान की नजर से, ना बच पाएगा।
अरे ओ प्राणी, मत कर नादानी।।
जब जाएगा तू बन्दे, यम के दरबार में।
ना बने हिमाती तेरा, कोई संसार में।
ये कुटुम्ब कबीला तेरा, ना तुझे बचाएगा।।
जिस के लिये करता है, तू छल और बेईमानी।
कोई नहीं है तेरा, ये बात न पहचानी।
अपने कर्मों का फल तू, खुद ही पाएगा।।