रात बाबा सपने में आया संदेसा मेहंदीपुर का लाया,
बोला तू आके मिल के जाना तेरे बिगड़े बना दूंगा,
रे बोलो जय जय सीता राम रे बोलो जय जय सीता राम
माँ अनजनी का लाला है जो सब के दुःख ने बांटे,
खुशियों से झोली भरता और सब के संकट काटे,
जो रो कर आता हस कर जाता सब को मिलता है आराम,
बोलो जय जय सीताराम
जिस की जुबा पे राम नाम उस को तो बेडा पार,
उसकी जिन्दगी में बाबा ने चाँद लगाये चार,
तू करले आस तू रख विश्वाश न लगता इनका कोई दाम,
बोलो जय जय सीताराम
उतम छोकर बाला जी तेरी खूब बड़ाई करा करे,
विकास चोधरी तेरी शरण में शर्मा ने धरा करे,
तेरी मेहर से ये पलवन शहर मेरा से रोज पुरे गाव,
बोलो जय जय सीताराम