है वीर तुम्हारा क्या मैं तारीफ कर सकता हु,
तुझमे वो शक्ति है जो तूफ़ान खड़ा कर सकते,
है वीर तुम्हारा क्या मैं तारीफ कर सकता हु,
तुमने ही भारत को हर मोड़ पे बचाया,
फांसी की सूली पे चढ़ गया फिर भी गम न आया,
अब न पीछे हटना तू तू तूफ़ान खड़ा कर सकते,
है वीर तुम्हारा क्या मैं तारीफ कर सकता हु,
तुम्हने ही तो शांति का सन्देश बताया,
आपस में न लड़ने की तू बात बताया,
शान्ति से दुश्मन न माने तलवार उठा सकते,
है वीर तुम्हारा क्या मैं तारीफ कर सकता हु,